जगन्नाथपुरी रथ यात्रा [ jagannath puri rath yatra ] फेस्टिवल 2022

दोस्तो हमारे देश के सभी व्रत or त्यौहार आपस मे एक दूसरे से जुड़े हुए होते है, यह सब आप हमारे पिछले व्रत और त्योहार के लेख में पढ़कर समझ ही गए होंगे इसीलिए आज हम आपके लिए एक और सबसे बड़े त्यौहार के बारे में जानकारी लेके आये है जिसे हम सभी jagannath puri rath yatra फेस्टिवल 2022 के नाम से जानते है,
अब आप सोच रहे होंगे कि भगवान जी की रथयात्रा का यह पावन त्योहार हमारे किस त्यौहार से जुड़ा हुआ है तो आपको बता दे कि हमने कुछ दिन पहले आपको अक्षय तृतीया के बारे में बताया था,
यह त्योहार अक्षय तृतीया से जुड़ा हुआ है, इसी दिन से भगवान जगन्नाथ जी के लिए रथ बनाना शुरू कर दिया जाता है।
Puri rath yatra festival भगवान जगन्नाथ, बलराम जी, और उनकी छोटी बहन सुभद्रा जी के याद में मनाया जाता है जिसके पीछे भी कहानी है। इस कहानी के हिसाब से जब भगवान श्री कृष्ण की मृत्यु हुई थी तब उनके भाई बलराम दुखी होकर श्री कृष्ण जी की अस्थियां लेके यानी कि उनका जला हुआ शरीर लेके समुद्र में कूद गए थे और उनके पीछे उनकी बहन जिनका नाम सुभद्रा था वो भी कूद गई थी, इसीलिए इन तीनो जनों की याद में Puri rath yatra 2022 फेस्टिवल मनाया जाता है।
jagannath puri rath yatra फेस्टिवल 2022 में कब मनाया जाएगा और क्या है इसका शुभ मुहूर्त ?
दोस्तो हमारे देश में हर बात का कोई न कोई मुहूर्त होता ही है ये तो आप जानते ही होंगे और हमने यह बात आपको बताई भी है, जैसे कि 2021 में puri rath yatra 2021 बड़े ही धूमधाम से मनाया गया था वैसे ही इस साल 2022 में भी jagannath puri rath yatra 2022 फेस्टिवल 1 जुलाई 2022 की सुबह 7 बजे से निकाली जाएगी, हर साल यह Puri rath yatra आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को ही निकाली जाती है,
Puri rath yatra बहुत बड़ा त्योहार होता है जो कि 10 दिन तक सेलिब्रिट किया जाता है। इस त्यौहार को मनाने के लिए पूरे देश से लोग आते है और धूमधाम के साथ भगवान जगन्नाथ की इस रथ यात्रा में शामिल होकर उनकी मूर्ति को उड़ीसा के ही गुंडीचा मंदिर में ले जाकर स्थापित कर देते है, ऐसा हम सभी भक्त हर साल करते है।
कैसे मनाया जाता है jagannath puri rath yatra फेस्टिवल 2022 ?
दोस्तो जब भक्त लोग हजारों की संख्या में मिलकर भगवन जगन्नाथ जी के रथ को खुद से खींच कर Gundicha mandir में ले आते है तो पहले दिन भगवान की मूर्ति को एक स्थान पर रख दिया जाता है इसके बाद अगले ही दिन मंदिर में इन मूर्तियों को स्थापित कर दिया जाता है, और भगवन पर प्रसाद अर्पण किया जाता है, इस दिन सब भक्त लोग मंदिर में ही रुकते है और इसके अगले दिन भी भी बसेरा करते है क्योंकि एकादशी के दिन मंदिर के बाहर नही जाया जाता है।
क्या होते है Puri rath yatra में उपयोग किये जाने वाले रथ ?
दोस्तो जिन रथ में भगवान जगन्नाथ और उनके भाई बहन को लाया जाता है उसे ही रथ कहते है इन रथ को उनके सभी भक्त मिलकर खींचने का काम करते है यह रथ अलग अलग होते है जो कि निम्नलिखित है –
- Bhgvan जगन्नाथ जी का रथ –
दोस्तो यह रथ सबसे बड़ा होता है और इसमें बड़े बड़े 16 पहिये लगाए जाते है और इसकी हाइट 45 फुट ऊँची रखी जाती है, इस रथ को भगवान कृष्ण जी के प्रिय रंग पीले और लाल रंग के कपड़े से सजाया जाता है, इस रथ को लोग खुद खींचते है।
- भगवान बलराम जी का रथ –
दोस्तो बलराम जी का रथ जगन्नाथ जी के रथ से थोड़ा सा छोटा होता है, इसकी hight 43 फुट रखी जाती है और इसमें 16 की जगह 14 पहिये ही लगाए जाते है और इसे dau ji के प्रिय रंग के कपडे जिनका रंग लाल, नीला, और हरा होता है से सजाया जाता है, इस रथ को भी लोग खुद ही खींचने का काम करते है।
- सबसे अंतिम रथ सुभद्रा जी का रथ –
दोस्तो रथ यात्रा में यह सबसे अंतिम रथ होता है जो कि ओर रथ के मामले में थोड़ा सा छोटा होता है, इस रथ की hight 42 फ़ीट रखते है और इसमें 12 पहिये ही लगाए जाते है, इसके अलावा इस रथ को सुभद्रा जी के प्रिय रंग के कपड़ों जिनका रंग लाल और काला होता है से सजाया जाता है, इस रथ को नारी शक्ति यानी कि महिलाएं ही खींचती है, इस रथ को पुरूष हाथ नहीं लगाते है।
निष्कर्ष –
Dosto आज के इस लेख में अपने jagannath puri rath yatra 2022 फेस्टिवल के बारे में सभी जानकारी प्राप्त की और आपको यह लेख कैसा लगा हमें कॉमेंट करके जरूर बताना, इसके अलावा हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से आप कितने सन्तुष्ट है हमे अपने कॉमेंट के द्वारा जरूर बताना। aur अगर आपको Puri rath yatra se जुड़ी हुई और भी कोई जानकारी चाहिए हो तब भी आप हमें कॉमेंट करके पूछ सकते है।
This is very interesting 202053680
Thanks bro