73 वां भारतीय गणतंत्र दिवस
दोस्तो अगर आप भारत देश के रहने वाले है तो आप हमारे देश के राष्ट्रीय त्योहारों के बारे में भी जानते ही होंगे, की हमारे राष्ट्रीय त्योहार कौन कौन से है, और उन्हें हम किस तरीके से मनाते है,
अगर नही जानते है तो आज के इस लेख में हैं आपको सब नही तो थोड़ी सी जानकारी दे ही देगे, बाकी की जानकारी आपको अगले लेख में मिलेगी, जिसका लिंक इसी आर्टिकल में होगा, उसपर क्लिक करते ही आप हमारे अगले जानकारी वाले लेख पर पहुंच जाएंगे।
तो दोस्तो आज हम आपको बताने वाले है भारतीय गणतंत्र दिवस के बारे में कि हम लोग क्यों मनाते है इस राष्ट्रीय त्योहार को।
क्या है भारतीय गणतंत्र दिवस और क्यों मनाते है हम भारतीय गणतंत्र दिवस को ?
दोस्तो हमारे देश में 2 ही राष्ट्रीय त्योहार मनाए जाते है जिनमें से पहले है भारतीय गणतंत्र दिवस यानी कि 26 जनवरी ( january), और दूसरा स्वतंत्रा दिवस यानी कि 15 अगस्त (august),
Dosto 26 जनवरी यानी कि भारतीय गणतंत्र दिवस को हम अपने अधिकारों के दिवस के रूप में जानते है, क्योंकि जब हमारा देश इंडिया आजाद हुआ था, तब हमारे देश के पास खुद का कोई भी कानून नहीं था, उस समय अंग्रेजों ने हमारे देश के नेताओ के सामने यह प्रस्ताव रखा था कि अगर तुम लोग कोई कानून नहीं बना पा रहे हो तो हमारे देश ब्रिटेन के कानून को अपना लो, हम उसमें तुम सभी का पूरा सहयोग देंगे, लेकिन अंग्रेजों की इस बात में बहुत बड़ा षड़यंत्र छुपा हुआ था, जिसे हमारे नेता महात्मा गाँधी जी, जवाहरलाल नेहरू जी, सरदार वल्लभभाई पटेल जी, भीमराव अंबेडकर जी ने महसूस कर लिया था, और अंग्रेजों का यह निवेदन ठुकरा दिया था, इसके बाद अंग्रेज पूरी तरह से इंडिया से चले गए थे और हमारे देश के 3 टुकड़े कर गए थे, जिसमें से आज एक हिस्सा इंडिया है, दूसरा हिस्सा पाकिस्तान है और तीसरा हिस्सा बांग्लादेश है।
जब भारत के हिस्से हो गए तो हमारे देश से बहुत लोग धर्म के आधार पर अपने अपने देशों में रहने के लिए चले गए थे, उस समय देश में बहुत ही लड़ाई दंगे होते थे क्योंकि देश में कोई भी कानून था, तब ऐसे में हमारे देश के एक जानेमाने नेता श्री भीमराव अम्बेडकर जी सामने आए, और उन्होंने घोषणा कर दी कि, वह एक समिति बनायेगे, जो कि भारत का संविधान इन 5 साल में बना कर पेश करेगी, और देश में नए कानून और अधिकार लागू होंगे, जिससे देश के हर छोटी बड़ी जाती का भेदभाव मिट जाएगा, और सबको बराबर हक़ मिलेगा।
इसके बाद अम्बेडकर जी ने एक बहुत बड़ी समिति बनाई, जिसे देश के लोगो ने संविधान समिति का नाम दिया, समिति के सभी सदस्य बहुत मेहनती थे, उन्होंने संविधान निर्माण के समय दुनिया के सभी देशों के संविधान का बारीकी से अवलोकन किया, और सभी देशों के संविधान से कुछ कुछ कानून और नियमो के लेकर अपने संविधान में डाल दिया, और ऐसे धीरे धीरे सभी जरूरी कानूनों को हमारे देश के संविधान में मिलाया जाने लगा, इन कानूनों को डालने से पहले इनमें कुछ जरूरी बदलाव भी किये गए जिससे देश मे कोई भी छोटा या बड़ा न रहे, सब बराबर रहे, सबको बराबर का हक़ मिले, इसके बाद संविधान समिति के सदस्यों की अटूट मेहनत से हमारा संविधान समय से पहले बनकर तैयार हो गया, और वह भी लिखित संविधान, जो कि हमारी इस समिति ने 2 year 11 mahine me hi लिख लिया था। इसके बाद 26 नवंबर 1949 के दिन संविधान समिति की एक बहुत बड़ी बैठक दिल्ली में हुई, जिसमें देश के सभी वर्गों के नेता लोग आए थे, जिन्होंने संविधान को पढ़ा और उसमें अपने sign किये, की वह हमारे देश के संविधान से संतुष्ट है, इसके बाद हमारे देश के नेताओ ने हमारे देश के इस नए संविधान को जनता के सामने पेश किया, और पूरे देश की जनता से राय ली गयी, इसके बाद संविधान में थोड़े बहुत और संसोधन किये गए, ओर 26 जनवरी 1950 के दिन हमारे इस संविधान को पूरे देश में लागू कर दिया गया।
तब से हमारे देश में खुद का संविधान और कानून स्थापित हो गया, और हमारे देश को एक गणतंत्र देश का दर्जा भी मिल गया, हमारे देश के संविधान को देखकर अंग्रेज लोग भी आश्चर्य चकित हो गए कि हमारे देश ने कितने कम समय में पूरी दुनिया का सबसे बड़ा संविधान बना लिया वो भी लिखित रूप में।
इसके बाद से हमारे देश के लोगो को बहुत से अधिकार दिए गए, जिन्हें हम मौलिक अधिकार कहते है, और उसके बाद हमारे देश में चुनाव करवाया गया, जिसमें हमारे देश के पहले pm नेहरू जी बने, इसके बाद से हमारा देश लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ते जा रहा है।
निष्कर्ष –
तो दोस्तो आपको titanium world का यह लेख कैसा लगा, हमें अपनी कॉमेंट के द्वारा जरूर बताइयेगा, क्योंकि मेरे इस आर्टिकल से आप अपने कॉलेज में एक मस्त सी स्पीच भी दे सकते है।